- मराठी संस्कृती आणि विद्यमान मराठी कर्तबगारी यांची माहिती तालुक्या तालुक्यांतून संग्रहित करून अवघ्या महाराष्ट्राचे समग्र चित्र साकार करू पाहणारा ध्येयनिष्ठ प्रकल्प.
- प्रत्येक मराठी माणसाने त्याच्या/तिच्या परिसराची सत्य माहिती द्यावी –
- कर्तबगार व्यक्ती - उपक्रमशील संस्था
- संस्कृतीचे वैभव – यात्रा, जत्रा, बाजार, किल्ले, लेणी... अगदी स्थानिक खाद्यपदार्थसुद्धा.
हे लिहून द्यावे, टिपावे, फोटोग्राफ, व्हिडिओत बद्ध करावे, ऑडिओ आधारे श्रवणपरंपरा जपावी... क्राऊड सोअर्सिंग हा लोकशाही यशाचा मंत्र आहे. (लिहिण्याकरता – लिंक) प्रत्येक जाणत्या, समंजस, संवेदनशील, विचारी माणसाने त्यचा भवताल याप्रमाणे टिपला तर महाराष्ट्राच्या संस्कृतीचा केवढा तपशीलवार व सूक्ष्म ‘डेटा’ संग्रहित होईल ! त्याची संगती शोधणे, अर्थ लावणे हे विद्वानांना मोठे काम होईल !
प्रत्येक मराठी माणसाने त्याचे किमान फक्त एक हजार रुपये या प्रकल्पास सहाय्य करावे. तर प्रकल्प पाच वर्षांत साकार होईल आणि तेव्हा संगणकाच्या/मोबाईलच्या पडद्यावर जणू महाराष्ट्राचे म्युझियम साकारलेले असेल. एका क्लिकवर महाराष्ट्राबाबत हवी ती माहिती उपलब्ध होईल. पक्षीय राजकारण व गुंडगिरी वगळून. तुमच्या सहकार्याविना ते स्वप्न अधुरे राहील.
कृती - ‘थिंक महाराष्ट्र डॉट कॉम’वर दोन नवीन माहितीपर लेख रोज प्रसिद्ध करावे अशी मनीषा आहे. ते मुख्यत: व्यक्ती - संस्था - संस्कृतिवैभव या तीन प्रकारांत व तालुका हे माहितीसंकलन केंद्र समजून संकलित केलेले असतील.
स्कूली किताबों में सिर्फ मुगलों का बखान, ये कहने वालों ने शायद किताबें पढ़ी ही नहीं!
मराठा, राजपूत, अहोम और चोल जैसे साम्राज्यों का इतिहास स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता. वहां बस मुगलों का बखान मिलता है.
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से ये दावा तैर रहा है. कहा जा रहा है कि स्कूली किताबों में सिर्फ मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) का महिमा मंडन किया गया है. ये ‘कौआ कान ले गया’ टाइप का केस है. लोग अपना कान नहीं चेक करते, बस कौए के पीछ भागने लगते हैं. मतलब इतिहास की किताबें नहीं खंगालते. बस सोशल मीडियाई दावे को शेयर करना शुरू कर देते हैं. ऐसा ही काम कर्नाटक बीजेपी के महासचिव सीटी रवि ने भी किया था. उन्होंने इसी साल फरवरी में एक ट्वीट करते हुए दावा किया था,
“बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब. ज्यादातर भारतीय इन खूंखार मुगल सल्तनतों के बारे में जानते हैं. हममे से कितने लोग राज राजा चोल (राजाराज चोल भी कहा जाता है.) के बारे में जानते हैं. सोचिए.”
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने टीवी डिबेट्स में दावा ठोक दिया कि हमें मुगलों में भी दारा शिकोह जैसे मुसलमान के बारे में नहीं पढ़ाया गया, जिसने हिंदू ग्रंथों का अध्ययन किया था. अब इसके बाद सोशल मीडिया पर दूसरे क्यों चुप रहते. सो Abhi and Niyu नाम के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 27 अगस्त को एक ट्वीट हुआ. जिसका हिंदी अनुवाद है –
“अगर मुगल राष्ट्र निर्माण कर रहे थे तो मौर्य, गुप्त, मराठा, राजपूत, अहोम, चोल और विजयनगर साम्राज्य क्या कर रहे थे? बाबर की विरासत हर कोई जानता है. हमें स्कूल में पढ़ाया गया है. अब समय आ गया है कि हम दूसरों के बारे में भी जानें.”
मैसेज में ये कहने की कोशिश की गई है कि स्कूलों के सिलेबस में सिर्फ मुगल साम्राज्य के बारे में बताया गया है. मौर्य, मराठा, राजपूत, अहोम, चोल, विजयनगर और गुप्त साम्राज्य के बारे में नहीं पढ़ाया जाता. Abhi and Niyu के ट्विटर पर 1.11 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं. इस हैंडल से मैसेज ट्वीट होते ही कई यूजर्स ने बिना इसका सच जाने मैसेज शेयर करना शुरू कर दिया.
अब हमने सोचा कि इस दावे पड़ताल की जाए. सो नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT की इतिहास की किताबें खंगाल डालीं. क्लास 6 से लेकर 12 तक की. आइए जानते हैं उसमें क्या मिला.
मुगल के अलावा बहुत कुछ, लेकिन हमने पढ़ा ही नहीं
इतिहास की किताबें पलटते वक्त कुछ रोचक पढ़ने को मिला. पहले वो जानिए. हमने क्लास 6 की किताब खोली. किताब की शुरुआत एक सवाल के साथ होती है. ये सवाल है कि “हम क्यों पढ़ें इतिहास?” इसके जवाब कुछ ऐसे दिया गया है,
“इतिहास का अध्ययन हम सिर्फ अतीत को समझने के लिए नहीं करते. इतिहास हमें कुछ योग्यताएं और कौशल विकसित करने में भी मदद करता है. अतीत की दुनिया में समाने के लिए, एक ऐसी दुनिया के लोगों को समझने के लिए, जिनका जीवन हमसे भिन्न था, नए तरीके सीखने पड़ते हैं. जब हम ये करते हैं तो हमें अपना दिमाग खोलना पड़ता है और वर्तमान की छोटी-सी दुनिया से बाहर निकलना पड़ता है. ये एक शुरुआत होती है दूसरे लोगों के क्रियाकलाप और सोचने के तरीकों को समझने के लिए.
इसलिए, अपने कंधे झटकने के पहले तुम स्वयं से एक सवाल पूछोः क्या मैं ये जानना चाहता हूं कि मैं कौन हूं? क्या मैं ये समझना चाहता हूं कि समाज कैसे चलता है? मैं जिस दुनिया में हूं क्या उसे मैं जानना चाहता हूं? अगर तुम चाहते हो तो तुम्हें जरूरत होगी ये जानने की कि हमारा समाज कैसे विकसित हुआ और कैसे हमारे अतीतों ने हमारे वर्तमान को रूप प्रदान किया.”
संदेश साफ है. वर्तमान की छोटी दुनिया से बाहर निकलिए, कंधे झटकने से कुछ नहीं होगा. हमें इतिहास में बिना लाग-लपेट झांक कर देखना होगा कि तब क्या हुआ जिससे हमारा आज बना.
अब आते हैं इतिहास के विवादित दावे पर, कि स्कूल में मौर्य, मराठा, राजपूत, अहोम, चोल, विजयनगर और गुप्त साम्राज्यों के बारे में नहीं पढ़ाया जाता. हमने जब NCERT का सिलेबस खंगाला तो ये बातें सामने आईं.
# क्लास 6 की NCERT की इतिहास की किताब में कुल 11 चैप्टर हैं.
# क्लास 7 की इतिहास की किताब में 10 अध्ययाय हैं.
# क्लास 8 की किताब में 12,
# क्लास 9 की किताब में 8,
# क्लास 10 की किताब में 5,
# क्लास 11 की किताब में 11,
# और क्लास 12 की किताब में 15 अध्याय हैं.
इस तरह से कुल मिलाकर हुए 72 चैप्टर. इनमें से सीधे तौर पर मुगल साम्राज्य और इस्लाम के बारे में सिर्फ तीन चैप्टर बात करते हैं.
कक्षा 7वीं की किताब हमारे अतीत- 2 में 2 चैप्टर (दिल्ली के सुल्तान और मुगल साम्राज्य) और क्लास 11 की किताब में एक चैप्टर (इस्लाम का उदय और विस्तार) मिलता है. मुगल साम्राज्य चैप्टर के कुल 15 पेजों में औरंगजेब तक के मुगल शासन काल के बारे में बताया गया है. दिल्ली के सुल्तान नाम के चैप्टर में दिल्ली के सुल्तानों का जिक्र है. इसमें कहानी राजपूत वंश से शुरू होकर फिरोजशाह तुगलक तक जाती है.
NCERT की क्लास 6 में इतिहास की किताब ‘हमारे अतीत- 1’ के नाम से पढ़ाई जाती है. इस किताब में राजा के शासन वाले साम्राज्यों के अलावा अन्य तरह की व्यवस्थाओं, जैसे जनपद और महाजनपद के बारे में भी बताया गया है. पांचवें चैप्टर में बताया गया है कि 2500 साल पहले मगध भारत का सबसे शक्तिशाली जनपद बन गया था. यही नहीं, इस किताब का सातवां चैप्टर सिर्फ सम्राट अशोक और उनके साम्राज्य (मौर्य) के बारे में बताता है. इसी किताब के 10वें चैप्टर में समुद्रगुप्त के साम्राज्य के बारे में भी विस्तार से बताया गया है.
अशोक की कहानी 12 पेजों में
इतिहास की शुरुआती किताब में ही सम्राट अशोक के बारे में तफ्सील से बताया गया है. क्लास 6 की इतिहास की किताब के सातवें चैप्टर का नाम है ‘अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध त्याग दिया’. इस चैप्टर में अशोक के राज्य के विस्तार को मैप के जरिए समझाया गया है. उसके युद्ध त्यागने और बौद्ध धर्म ग्रहण करने की कहानी को भी बताया गया है. छात्रों के लिए अशोक की इस कहानी को 12 पेजों में पेश किया गया है.
विजयनगर साम्राज्य का 26 पेजों में विस्तार
हमने कई जगह सोशल मीडिया पर पढ़ा कि स्कूली किताबों में मुगलों की स्थापत्य कला और कामों का बखान है, लेकिन हिंदू राजाओं के बारे में ऐसा नहीं है. हालांकि हमने जब 12वीं की इतिहास की किताब खोली तो सामना हुआ विजयनगर सम्राज्य चैप्टर से. ये 12वीं की किताब का सातवां चैप्टर है. इसमें विजयनगर साम्राज्य के बारे में 26 पेजों में बताया गया है. अगर आपको भी लगता है कि टेक्स्ट बुक में विजयनगर साम्राज्य के बारे में नहीं बताया गया तो यहां पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
इसी तरह से क्लास 7 के चैप्टर 2 में चोल राज्य के बारे में बताया गया है. इसमें राष्ट्रकूट राजाओं के बारे में भी जानकारी दी गई है. इस चैप्टर का नाम है- नए राजा और उनके राज्य.
क्या हिंदू राजाओं के बारे में नहीं बताया गया?
NCERT की 12वीं क्लास की इतिहास की किताब ‘भारतीय इतिहास के कुछ विषय-2’ में 14वीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी तक चले विजयनगर साम्राज्य के बारे में बताया गया है. इसके बाद वाले चैप्टर में मुगल साम्राज्य का जिक्र है.
जहां तक बात मराठा और राजपूतों के इतिहास की है तो NCERT की क्लास 6 और 7 की इतिहास की किताबों में इसके बारे में भी बताया गया है. क्लास 7 की इतिहास की किताब ‘हमारे अतीत-2’ का दूसरा चैप्टर है ‘नए राजा और उनके राज्य’. इस चैप्टर में 7वीं से 12वीं सदी के बीच भारत में जिन राजवंशों का उदय हुआ, उन्हें नक्शे के जरिए तफ्सील से समझाया गया है. यहां चहमान, गुर्जर, चंदेल, परमार समेत कई राजवंशों का जिक्र है.
इसी किताब के 10वें चैप्टर में मराठा साम्राज्य के बारे में भी बताया गया है. ये चैप्टर खास तौर पर उन साम्राज्यों के उदय के बारे में बताता है, जिनके आने से मुगल साम्राज्य की सीमाएं छोटी होने लगीं और उसके सामने वजूद का संकट खड़ा हो गया.
साफ है कि स्कूलों की इतिहास की किताबों में सिर्फ मुगल नहीं, बल्कि मराठा, अशोक, राजपूत और अन्य राजाओं और राजवंशों को कवर किया गया है. तो अगली बार कोई भी आपसे इतिहास की बात करे, उससे पहले NCERT के सिलेबस में इतिहास की किताबें पढ़ जाइए. यकीन मानिए आप अपने बचपन में गोते तो लगाएंगे ही साथ में ऐसी जानकारी भी चुनकर लाएंगे जो आपको झूठ और सच का फैसला करने में मदद करेगी.
वीडियो – नॉर्थ-ईस्ट स्टूडेंट्स ग्रुप्स NCERT की किताब में कौन सा चैप्टर जुड़वाना चाहते हैं?