चार तरह की आग, बुझाने के तरीके अलग
धनबाद : सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को आज झारखंड अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक ड्रिल का आ
धनबाद : सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को आज झारखंड अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों को आधारभूत जानकारी दी गई। इस मौके पर झारखंड अग्निशमन विभाग के अमरजीत कुमार सिंह (एलएफएम) के नेतृत्व में विद्यालय में आयोजित एक 'फायर फाइटिंग कार्यशाला' के दौरान बच्चों को आग लगने के कारण, तरीके तथा उनपर तात्कालिक कार्यवाही करते हुए कैसे काबू पाया जाए इसकी पूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही बच्चों को प्रयोगात्मक तरीके से आग लगाकर उसपर विभिन्न माध्यमों से काबू करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें एलपीजी सिलेंडर, बिजली उपकरण, तेल, कागज, कपड़े इत्यादि से लगने वाले आग तथा उनपर कैसे काबू पाया जाए तथा किन-किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए यह विस्तारपूर्वक बताया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य रविप्रकाश तिवारी व शिक्षक उपस्थित थे।
इसी तरह अशोक नगर स्थित राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में आग लग जाने पर उससे बचने और उसे बुझाने के तौर तरीकों का व्यावहारिक ज्ञान दिया। प्रधान अग्निचालक बंधु उराव ने बताया कि आग के चार प्रकार हैं। चार प्रकार के आगों की प्रकृति और उसके बुझाने के तरीके और उपकरण अलग-अलग हैं। दस्ते में बंधु उराव, राजेंद्र राम, अमरजीत सिंह, लाल मोहन बेदिया, संजय कुमार सिंह उपस्थित थे। मौके पर प्राचार्य राजेश कुमार सिंह उपस्थित थे।
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चार प्रकार की होती है आग
1- पहला जनरल फायर कोयला, कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है। इसे पानी और सीओ-2 एक्सटीगाइजर (अग्निशामक) से बुझाते हैं।
2- दूसरा तेल की आग डीजल, पेट्रोल की आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी एक्सटीगाइजर एवं फोम एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।
3- रासायनिक एवं बिजली आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी एवं सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।
4- धातु आग किसी भी धातु में लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।
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